फैरो सीमेंट निर्माण (Ferro Cement Construction) -फैरो सीमेंट का प्रयोग (Applications of ferro Cement),निर्माण विधि (Construction)
फैरो सीमेंट निर्माण (Ferro Cement Construction)
फैरो सीमेंट एक प्रकार का प्रबलित सीमेंट मसाला है, जिसमें सीमेंट मसाले में महीन तारों की जाली (Wire Mesh)दबा दी जाती है | फैरो सीमेंट रचनाओं की मोटाई बहुत कम, 12mm से 50 mm होती है | साधारण रचनाओं के लिए जिंन पर चल व अचल भार बहुत कम आते हैं, फैरो सीमेंट की रचनाएं प्रबलित सीमेंट कंक्रीट से सस्ती तथा उत्तम रहती हैं |
फैरो सीमेंट में किसी भारी प्लांट अथवा मशीनरी की आवश्यकता नहीं पड़ती और सभी स्थानों पर यह निर्माण बड़ी आसानी से संपन्न किया जा सकता है | इनकी रचनाएं प्रबलित सीमेंट कंक्रीट अथवा टिंबर की रचनाओं से सस्ती पड़ती हैं तथा पर्याप्त हल्की होती हैं | इनकी मरम्मत सरल है तथा अनुरक्षण अल्प व्ययी है |
सन 1940 मे यह ज्ञात किया गया कि प्रबलित सीमेंट कंक्रीट में छड़ो के स्थान पर यदि महीन तारों की जाली की परत कंक्रीट में दबा दी जाए, तो संरचना मे अधिक गुणों का समावेश हो जाता है | यह रचनाएं हल्की, द्रढ़, नम्य (Flexible), प्रत्यास्थ (Elastic) तथा आघातों के प्रति अधिक समर्थवान होती हैं | इनकी मोटाई भी कम होती है | यह कम समय में तैयार हो जाती हैं और सस्ती पड़ती है | इन्हीं विशेषताओं के कारण इनको प्रबलित सीमेंट कंक्रीट से अलग श्रेणी में रखा गया है |
Ferro Cement Construction
Ferro cement is a type of reinforced cement concrete, in which a fine wire mesh is pressed into the cement mortar. The thickness of ferro cement compositions is very small, 12 mm to 50 mm. For simple constructions on which movable and immovable loads are less, the compositions of ferro cement are cheaper and better than reinforced cement concrete.
Ferro cement does not require any heavy plant or machinery and this construction can be done very easily at all places. Their compositions are cheaper than reinforced cement concrete or timber constructions and are light enough. Their repair is simple and maintenance is less expensive.
In the year 1940, it was found that in place of bars in reinforced cement concrete, if a layer of fine wire mesh is pressed into the concrete, then more properties are incorporated in the structure. These compositions are light, strong, flexible, elastic and more capable of shocks. Their thickness is also less. It is prepared in less time and is cheaper. Due to these characteristics, they are kept in a separate category from reinforced cement concrete.
फैरो सीमेंट का प्रयोग (Applications of ferro Cement)
फैरो सीमेंट का प्रयोग उन्नत तथा विकासशील देशों में बहुत अधिक होने लगा है | मुख्य निम्न प्रकार की रचनाओं के लिए फेरोसीमेंट विधि अपनाई जाती है _
1. नावे
2. खाद्य सामग्री, बीज, सब्जी रखने के पात्र
3. आटा, चीनी, खाद्य तेल के लिए संग्रह टैंक
4. किंडवन टैंक (Fermentation Tanks)
5. गैस टैंक
6. कूलिंग टावर (Cooling Tower)
7. सीवेज लैगून
8. सेप्टिक टैंक
9. गटर (Gutter)
10. जल संग्रह टैंक
11. सिंचाई के पाइप
12. छतो की स्लैबे
13. बिजली तथा टेलीफोन के खंभे
14. धरनों तथा स्तंभों की शटरिंग
15. विभाजक दीवारों के पैनल
16. टेबलो के पट (Top)
Applications of ferro cement
The use of ferro cement is becoming more and more in advanced and developing countries. The ferrocement method is adopted for the following main types of compositions.
1. Boats
2. Containers for storing food items, seeds, vegetables
3. Collection tank for flour, sugar, edible oil
4. Fermentation Tanks
5. Gas Tank
6. Cooling Tower
7. Sewage Lagoon
8. Septic Tank
9. Gutter
10. Water Collection Tank
11. Irrigation Pipes
12. Roof slabs
13. Electricity and telephone poles
14. Shuttering of beams and pillars
15. Divider Wall Panels
16. Top of Tables
निर्माण विधि (Construction)
संरचना की आकृति के अनुरूप, तारों की जाली (Wire mesh) लेकर ऊपर नीचे अच्छी प्रकार से सीमेंट मसाला 1:2 उचित मोटी परत में करनी से भर दिया जाता है |फैरो सीमेंट रचनाओं के निर्माण के विभिन्न चरण इस प्रकार हैं _
1. लकड़ी अथवा मटेरियल का रचना के आकार का फरमा तैयार किया जाता है |
2. फरमे के ऊपर तारों की जाली (Wire mesh)को रख दिया जाता है | यदि जाली के कई टुकड़े हैं तो इनके सिरो को आपस में बांध दिया जाता है | इसके लिए 14 से 8 गेज की तार की जाली का प्रयोग किया जाता है |
3. अब जाली के ऊपर तथा नीचे उचित मोटाई में सीमेंट प्लास्टर 1:2 कर दिया जाता है | सीमेंट मसाला जाली के भीतर अच्छी तरह भर देना चाहिए | मसाले के लिए जल सीमेंट अनुपात 0.4 रखा जाता है | सतह को करनी व गुरमाला से समतल व शुद्ध कर लिया जाता है |
4. सेट होने के बाद रचना की 3 से 7 दिन तक तराई की जाती है | इसको सूर्य की सीधी धूप से बचाना चाहिए |
5. 7 दिन की पश्चात जब रचना दृढ हो जाती है तब फर्मा हटा दिया जाते हैं |
तारों की जाली किसी भी आकार में स्थल पर ही बुन ली जाती है | तार की मोटाई रचना की मोटाई के अनुसार ली जाती है क्योंकि इसमें विशेष गणनाय नहीं करनी पड़ती है | अतः रचना की मोटाई अनुभव पर अधिक निर्भर करती है | छोटे कार्य के लिए सीमेंट मसाला हस्त विधि से ही तैयार किया जाता है | जाली के आलंबन के लिए 6 mm से 10mm की छड़े भी उचित दूरी पर डाली जाती है |
Construction Method
According to the shape of the structure, the wire mesh is taken up and down and well filled with cement mortar 1:2 in a suitable thick layer. The various steps in the manufacture of ferro cement compositions are as follows:
1. The form work of the composition of wood or material is prepared.
2. A wire mesh is placed over the firm. If there are several pieces of mesh, then their ends are tied together. For this 14 to 8 gauge wire mesh is used.
3. Now the cement plaster is made 1:2 in the appropriate thickness above and below the mesh. The cement mortar should be well filled inside the lattice. The water-cement ratio for spices is kept at 0.4. The surface is leveled and purified with Karni and Gurmala.
4. After setting, the curing is done for 3 to 7 days. It should be protected from direct sunlight.
5. After 7 days when the formation becomes firm then the form work is removed.
Wire mesh is woven on site in any shape. The thickness of the wire is taken according to the thickness of the structure as it does not require special calculations. Therefore, the thickness of the composition depends more on the experience. Cement mortar for small work is prepared by hand method. For the support of the wire mesh, rods of 6 mm to 10 mm are also inserted at an appropriate distance.