दिकसूचक के प्रयोग में सावधानियां (Precautions to be taken while using the Compass),दिकसूचक की जांच तथा समंजन (Testing and Adjustment of the compass) - 1. चुंबकीय सुई की जांच तथा समंजन (Magnetic Needle Testing and Adjustment),2. बेधिकाओ की जांच तथा समंजन (Checking and setting of vanes),3. बाहरी आकर्षण की जांच तथा सुधार उपाय (External Attractiveness Testing and Correction Measures)
दिकसूचक के प्रयोग में सावधानियां (Precautions to be taken while using the Compass)
दिकसूचक का प्रयोग करते समय त्रुटियों से बचने के लिए निम्न सावधानियां रखनी चाहिए -
Precautions to be taken while using the Compass
The following precautions should be taken to avoid errors while using the compass -
1. दिकसूचक स्थापन (Compass Installation)
दिकसूचक को स्टेशन पर त्रिपाद के ऊपर कसकर भलीं भांति समतल कर लेना चाहिए | उपकरण से एक कंकरी गिरा कर स्टेशन बिंदु की जांच कर लेनी चाहिए |
1. Compass Installation
The compass should be leveled tightly over the tripod at the station. The station point should be checked by dropping a stone from the equipment.
2. सुई का कम्पन (Needle Vibration)
चुंबकीय सुई की हरकत ( कंपन ) को बंद करने के लिए, दिकसूचक की रोक पिन ( ब्रेक पिन ) को दबाएं और धीरे से छोड़ दें |पाठयाक पढ़ते समय सुई पूर्णता रुकी होनी चाहिए |
2. Needle Vibration
To stop the movement of the magnetic needle, depress the brake pin of the compass and release it slowly. The needle should be completely stopped while reading the text.
3.सुई का कांच ढक्कन से चिपकना (Needle sticking to the glass lid)
कई बार रुमाल द्वारा दिकसूचक का कांच ढक्कन साफ करने पर अथवा वातावरण में विद्युत चार्ज होने पर, सुई कांच ढक्कन से चिपक जाती है | कांच पर गिला हाथ फेरने से सुई छूट जाएगी | पाठयाक लेने से पहले बक्से को हल्का सा थपथपा देना चाहिए ताकि अगर सुई कहीं अटकी हुई है तो ठीक स्थिति में आ जाए |
3. Needle sticking to the glass lid
Sometimes when the glass lid of the compass is cleaned with a handkerchief or due to an electric charge in the environment, the needle sticks to the glass lid. Touching the glass with a wet hand will release the needle. Before taking the reading, the box should be patted lightly so that if the needle is stuck somewhere, it is in the right position.
4. लोह वस्तुओं से आकर्षण (Attraction with Iron Objects)
इस प्रकार के आकर्षण को रोकने के लिए सर्वेक्षक को अपने पास से चाबी, चाकू, लोहे के बटन, कंगन, पेन आदि हटा देने चाहिए |
4. Attraction with Iron Objects
To prevent this type of attraction, the surveyor should remove keys, knives, iron buttons, bracelets, pens, etc. from his possession.
5. इस्पातीये संरचनाओं से बचाव
दिकसूचक को रेल की पटरी, लोहे का पोल, चिमनी, इस्पातीये भवनों के अति निकट सेट नहीं करना चाहिए |
5. Avoidance of Steel Structures
The compass should not be set too close to railway tracks, iron poles, chimneys, steel buildings.
6. लक्ष्यवेधन में सावधानी (Caution in target penetration)
सुई की ठीक लंबी दिशा पर ध्यान रखें | इधर उधर नजर रखने से लक्ष्य बेधन व अंक पठन में त्रुटि हो सकती है |
6. Caution in target penetration
Keep an eye on the long direction of the needle. Keeping an eye here and there can lead to errors in target penetration and number reading.
7. स्थानीय आकर्षण की जाँच (Checking out Local Attractions)
सर्वेक्षण रेखाओं का अग्र तथा पश्य दिकमान लेकर स्थानीय आकर्षण की जाँच कर ले | यह अंतर 180° होना चाहिए |
7. Checking out Local Attractions
Check the local attraction by taking the fore and back bearing of the survey lines. This difference should be 180°.
8. मुख्य सर्वेक्षण रेखाएं (Main Survey Lines)
चक्रम की मुख्य रेखाओं का दिकमान दो बार लेना चाहिए | प्रथम पाठयाक लेने के बाद सुई को हिला दे और रुकने पर पुनः पाठयाक ले | यदि दोनों पाठयाकों में अंतर है तो उनका औसत ले |
8. Main Survey Lines
The magnitude of the main lines of the travers should be taken twice. After taking the first reading, move the needle and after stopping, take the reading again. If there is a difference between the two reading, then take their average.
9. कार्य के समय सावधानी (Caution at work)
दिकसूचक पर कार्य करते तथा पाठयाक पढ़ते समय उपकरण या त्रिपाद का सहारा नहीं लेना चाहिए | इससे उपकरण स्थापना बिगड़ जाता है |
9. Caution at work
Do not use tools or tripods while working on the compass and reading. This spoils the installation of the equipment.
10. प्रयोग के बाद (After the Experiment)
जब दिकसूचक उपकरण प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है, तो बेधिकाओ को कांच पर टिका दें | इसे सुई का डोलना बंद हो जाएगा और चुंबकीय प्रभाव लंबे समय तक बना रहेगा |
10. After the Experiment
When the compass is not in use, rest the vanes on the glass. This will stop the needle from swinging and the magnetic effect will last longer.
11. उपकरण के अंतरण पर (On transfer of equipment)
दिकसूचक उपकरण को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर ले जाते समय देख ले कि कीलक ऊपर उठती हुई है और सुई का डोलना बंद है अन्यथा कीलक जल्दी कुंद (blunt) हो जाती है और सुई की सुग्राहिता प्रभावित होती है |
11. On transfer of equipment
While moving the compass tool from one station to another, make sure that the rivet is raised and the needle has stopped swinging, otherwise the rivet will quickly become blunt and the sensitivity of the needle is affected.
दिकसूचक की जांच तथा समंजन (Testing and Adjustment of the compass)
रेखाओं का कोण मापन कार्य प्रारंभ करने से पहले दिकसूचक की भली प्रकार से जांच कर लेनी चाहिए | जांच कार्य निम्न प्रकार किया जाता है -
1. चुंबकीय सुई की जांच तथा समंजन
2. बेधिकाओ की जांच तथा समंजन
3. बाहरी आकर्षण की जांच तथा सुधार उपाय
Testing and Adjustment of the compass
Before starting the work of measuring the angle of the lines, the compass should be thoroughly checked. The test work is done as follows -
1. Magnetic Needle Testing and Adjustment
2. Checking and setting of vanes
3. External Attractiveness Testing and Correction Measures
1. चुंबकीय सुई की जांच तथा समंजन (Magnetic Needle Testing and Adjustment)
~ दिकसूचक को स्टेशन बिंदु पर सेट / समतल करने के पश्चात देखे कि दिकसूचक की सुई / चक्री पूर्णता क्षेतिज है | यदि ऐसा नहीं है तो प्रतिभार (rider) को सुई की उठी हुई दिशा की ओर सरकाय |
~ सुई पूर्णता सीधी होनी चाहिए | जांच के लिए, दोनों नोको का कोणीय अंतर पढे | यह अंतर ठीक 180° होना चाहिए | यदि ऐसा नहीं है तो सुई की नोक को सीधा कर दें |
~ विराम के समय सुई ठीक चुंबकीय याम्योत्तर में होनी चाहिए | यदि सुई सुस्त हरकत करती है तो सुई के ठहरने पर दिकसूचक का पाठयाक पढ़े | अब किसी चाबी / चाकू को सुई के समीप लाकर इसे विचलित कर दें | जब सुई पुनः ठहर जाए तो पाठयाक पढ़ें | दोनों पाठयाँको में अंतर नहीं होना चाहिए | यदि ऐसा है तो कीलक (Pivot) की नोक घिस दें और सुई को स्थाई चुंबक से पुनः चुंबकीकृत कर दे |
1. Magnetic Needle Testing and Adjustment
~ After setting / leveling the compass at the station point, see that the completion of the compass needle /ring is horizontal. If it is not, then slide the rider towards the raised direction of the needle.
~ The needle should be perfectly straight. To check, read the angular difference between the two nozzles. This difference should be exactly 180°. If it isn't, straighten the tip of the needle.
~ The needle should be exactly in the magnetic meridian at rest. If the needle acts sluggishly, read the reading of the compass when the needle is stationary. Now distract it by bringing a key/knife near the needle. When the needle stops again, read the reading. There should be no difference between the two reading. If so, rub off the tip of the pivot and re-magnetize the needle with a permanent magnet.
2. बेधिकाओ की जांच तथा समंजन (Checking and setting of vanes)
~ दिकसूचक की दर्शा तथा दृश्य बेधिकाये पूर्णतः एक दूसरे के व्यासी विपरीत स्थित होनी चाहिए | जांच के लिए दोनों बेधिकाओ के मध्य 1 घुड़ - बाल सीधा बांध दे | यह बाल दिकसूचक चक्री के चिन्ह N व S के ठीक ऊपर होना चाहिए |
~ दिकसूचक के संमतलन पर, बेधिकाय ठीक ऊर्ध्वाधर होनी चाहिए | जांच के लिए दिकसूचक के सामने एक साहुल (Plumb) लटकाए और इसको लक्षित करें | लक्षित करने पर दर्शा बेधिका, दृश्य बेधिका तथा साहुल डोरी, तीनों एक ऊर्ध्वाधर रेखा पर होनी चाहिए | यदि ऐसा नहीं है तो बेधिका के पाद को रेती से रगड़ दें अथवा इसके नीचे कागज का पैड (pad) लगा दे | अब बेधिकाओ की पुनः जांच करें |
2. Checking and setting of vanes
~ The eye and object vanes of the compass should be located exactly diametrically opposite to each other. For testing, tie 1 horse-hair straight between the two vanes. This horse-hair should be just above the signs N and S of the compass.
~ At the orientation of the compass, the vanes should be exactly vertical. To test, hang a plumb in front of the pointer and penetrate it. When target, the eye vane, the object vane and the plumb string, all three should be on a vertical line. If it is not, rub the foot of the vane with sand or put a pad of paper under it. Now check the vanes again.
3. बाहरी आकर्षण की जांच तथा सुधार उपाय (External Attractiveness Testing and Correction Measures)
बाहरी आकर्षण की जांच के लिए किसी रेखा के अग्र तथा पश्य दिकमान पढ़े | इनका अंतर ठीक 180° डिग्री होना चाहिए | यदि यह अंतर ठीक नहीं है तो बाहरी आकर्षण की संभावना है | सर्वेक्षक को दिकसूचक के पड़ोस से लोहे की वस्तुएं हटा देनी चाहिए |
3. External Attractiveness Testing and Correction Measures
To check the external attraction, read the fore and back bearing of a line. Their difference should be exactly 180°. If this difference is not correct then there is a possibility of external attraction. The surveyor should remove iron objects from the neighborhood of the compass.