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पेंट कार्य में दोष, कारण तथा उपचार (Painting Defects, their Causes and Remedies) - ~ पेंट का चटकना ( Crazing of Paint)~ दरारे पड़ना (Cracking of Paint)~ फफोले पड़ना (Blistering of Paint)~ बहने लगना (Washing or Running of paint)~ छुटने लगना (Chalking of Paint)~ चमक खो देना (Loss of Gloss)~ रंगहीन हो जाना (Discolouring)~ देर में सूखना (Slow Drying of Paint)~ पीला पड़ जाना (Yellowing of White Paint)~ फफूंदी लगना (Mildew)

पेंट कार्य मे दोष (Defects in paint work)




पेंट कार्य में मुख्यता निम्न दोष हो सकते हैं

The main drawback of paint work may be:

~ पेंट का चटकना ( Crazing of Paint)

~ दरारे पड़ना (Cracking of Paint)

~ फफोले पड़ना (Blistering of Paint)

~ बहने लगना (Washing or Running of paint)

~ छुटने लगना (Chalking of Paint)

~ चमक खो देना (Loss of Gloss)

~ रंगहीन हो जाना (Discolouring)

~ देर में सूखना  (Slow Drying of Paint)

~ पीला पड़ जाना (Yellowing of White Paint)

~ फफूंदी  लगना (Mildew)


  (1) चटकना (Crazing of Paint)

अस्तर कोट के पूर्णत ना सूखने पर, उसके ऊपर दूसरा कोट करने पर पेंट सतह पर महीन रेखाएं पड़ जाती है |अशुद्ध तेल का प्रयोग करने से भी ऐसा होता है |

 यदि यह रेखाएं थोड़े भाग में होती हैं तो इन्हें क्रेजिंग (Crazing) कहते है |परन्तु ज़ब यह पूरी सतह पर फैल गयी है, तो क्रॉक्रोडाइलिंग (Crocodiling) कहते है |

अस्तर कोट के पूर्ण सूख जाने पर ही ऊपरी कोट करना चाहिए |

(1) Crazing of Paint

 If the lining coat does not dry completely, the second coat on it lays fine lines on the paint surface. The same happens with using impure oil.

 If these lines are in a small part, they are called crazing, but when it has spread all over the surface, then it is called crocodiling.

 The upper coat should be used only after the lining coat has completely dried.


 (2)दरारे पड़ना (Cracking of Paint)

 अधिक मात्रा में शोषक का उपयोग करने अथवा अधिक संख्या में कोट लगाने से पेट में दरारें पड़ जाती हैं |ज़ब लकड़ी उचित ढंग से संशोषित नहीं होती, तब भी दरारे पड़ जाती है,  और कुछ समय के बाद पेंट उखड़ने लगता है |

पेंट मे सही मात्रा मे शोषक डालने से, कोटो  की संख्या कम रखने से दरारो को रोका जा सकता है |आसंशोषित लकड़ी पर पेंट टिकाऊ नहीं होता है |

दरारे पड़ने पर पेंट को उतरकर नया पेंट कर देना चाहिए |

 (2) Cracking of Paint

 Cracks in the stomach are caused by using a high amount of absorbent or applying a large number of coats. When the wood is not properly modified, it still cracks and after some time the paint starts to crumble.

 By adding the right amount of absorbent to the paint, cracks can be prevented by keeping the number of coats down. Paint on unmodified wood is not durable.

 When the cracks fall, the paint should descend and paint it new.


  (3)फफोले पड़ना (Blistering of Paint)

 अंतिम कोट  में अत्यधिक मात्रा में तेल मिलाने से अथवा धूप से पेंट जगह - जगह से फूल जाता है | इससे फफोले पड़ना कहते हैं |

 पेंट में आवश्यकता से अधिक तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए और सतह को पूरी तरह साफ कर लेना चाहिए ताकि वह चिकनी न हो |

 फफोले पड़ने पर, पुराने पेंट को उतार कर, सतह को रेगमाल से अच्छी तरह साफ कर नया कोट करना चाहिए |

(3) Blistering of Paint

 Paint is swollen from place to place by adding excessive amount of oil to the last coat or from sunlight.  It is called blisters.

 Paint should not use more oil than necessary and the surface should be thoroughly cleaned so that it is not smooth.

 In case of blisters, remove the old paint, clean the surface thoroughly with sandal and coat it.


 (4)बहने लगना (Washing or Running of Paint)

शोषक के अत्यधिक मात्रा मे डालने से या अधिक गाढ़ा लेप करने पर पेंट आंसुओ के रूप मे बहने लगता है और सतह पर लाइने उभर आती है |

शोषक की मात्रा उपयुक्त रखनी चाहिए | लेपन  अत्यधिक मोटा नहीं होना चाहिए | एक मोटे लेप  के स्थान पर दो पतले लेप ( एक के सूखने पर दूसरा) करने अधिक टिकाऊ होते हैं |

 सतह पर रेगमाल लगाकर नया कोर्ट कर देना चाहिए |


(4) Washing or Running of Paint

 After pouring excessive amount of absorbent or applying more thick coating, the paint starts flowing in the form of tears and lines emerge on the surface.

 The amount of absorbent should be appropriate.  The coating should not be too thick.  Instead of a thick coat, two thin coatings (one after drying) are more durable.

 A new court should be put on the surface by applying sandalwood.


 (5) छूटने या झड़ने लगना (Chalking of Paint)

 कम तेल के प्रयोग से पेंट उंगलियों की अथवा कपड़ों की रगड़ से छूटने लगता है |

 पेंट में उपयुक्त मात्रा में तेल मिलाना चाहिए |

(5) Chalking of Paint

 Using less amount of  oil, the paint gets rid of the fingers or the rubbing of clothes.

 Appropriate amount of oil should be added to the paint.


 (6) चमक खो  देना (Loss of Gloss)

 अधिक मात्रा में शोषक डालने से अथवा पुराने पेंट का प्रयोग करने से पेंट कार्य में चमक नहीं आती है, भद्दापन लगता है |
अतः मान्यता प्राप्त कंपनी का बना हुआ ताजा पेंट ही  उपयोग करना चाहिए |

(6) Loss of Gloss

 Adding more amount of absorbent or using old paint does not cause glare in the paint, it causes clutter.

 Hence fresh paint made by a recognized company should be used.


  (7) रंगहीन हो जाना (Discolouring)

 पेंट में दूषित रंग वर्णक का उपयोग करने पर अथवा तेज धूप व ताप के कारण पेंट अपना मूल रंग खो देता है और फीका पड़ जाता है |

 पेंट में उत्तम प्रकार के रंग वर्णन डालने चाहिए |

(7) Discolouring

 The paint loses its original color due to the use of contaminated pigment in the paint or due to strong sunlight and heat and fades.

 Excellent color description should be put in the paint .


 (8) देर में सूखना (Slow Drying of paint)

 पेंट में निम्न कोटि का तेल डालने, गीली सतह पर लेपन  करने अथवा वर्षा ऋतु में पेंट देर मे  सूखता है |

 गीली सतह पर पेंट नहीं करना चाहिए | पेंट में शोषक उत्तम गुणता का होना चाहिए |

(8) Slow Drying of paint

 The paint dries late by pouring low-grade oil into the paint, coating it on a wet surface, or in the rainy season.

 Paint should not be done on wet surface.  The paint should have absorbent quality.


  (9) पीला पड़ जाना (Yellowing of white paint)

 पेंट में तेल का अनुपात अधिक होने पर सफेद पेंट पीला पड़ जाता है | वायुमंडलीय  प्रभावो  वर्षा,  धूप, धूली से भी  सफेद पेंट पीला पड़ने लगता है |

 बाहरी सतह पर सफेद इनेमल पेंट का प्रयोग करना चाहिए जो वायुमंडलीय दोषों से प्रभावित नहीं होता |

(9) Yellowing of white paint

 The white paint turns yellow when the oil ratio in the paint is high.  White paint also turns yellow due to atmospheric effects from rain, sun, dust.

 White enamel paint should be used on the outer surface which is not affected by atmospheric defects.


 (10) फफूंदी लगना (Mildew)

 पेंट  सतह के सीलन की संपर्क में रहने पर यह दोष आ जाता है |

(10) Mildew

 This defect occurs when the paint surface is in contact with damping.


सारांश - 

पेंट के घटकों की गुणवत्ता,  उनका सही चयन, उपयुक्त अनुपात में मिश्रण करके तैयार किया पेंट अच्छे ब्रुश से लगाने पर चिरस्थाई होता है |

 सतह को ठीक ढंग से तैयार करके, सही प्रकार का असतर कोट  देना भी आवश्यक है | निचले कोट  के  पूर्णता सूख जाने पर ही ऊपरकोट देना चाहिए |

 उपरोक्त सावधानी बरतने पर पेंट के बहुत से दोष स्वम ही  दूर हो जाते हैं |

Summary - 

The quality of the components of the paint, their correct selection, the mixture prepared in the appropriate proportions, the paint is durable when applied with good brush.

 Properly preparing the surface, it is also necessary to give the right type of non-uniform coat.  The top coat should be given only after the lower coat has completely dried.

 Due to the above precautions many of the paint defects are automatically removed.

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