वक्राकार चिनाई (Circular Brick work), प्रबलित ईट चिनाई (Reinforced Brick Work), मिश्रित चिनाई (Composite Masonry)-(1) ऐश्लर मुखी व रबल पृष्ठी चिनाई (Ashlar Facing and Rubble Backing ), (2) ऐश्लर मुखी व ईट पृष्ठी चिनाई (Ashlar Facing and Brick Backing), (3)पत्थर मुखी व कंक्रीट पृष्ठी चिनाई (Stone Facing and Concrete Backing), (4) टाइल मुखी व ईट पृष्ठी चिनाई (Tile Facing and Brick Backing), खोखले ब्लॉकों की चिनाई (Hollow Bricks Masonry)
वक्राकार चिनाई (Circular Brick work)
गोल कमरो, झरोखों, खिड़कियों, जीनों, डाटो, मीनारों, आदि के लिए वक्राकार ईट की चिनाई की जाती है | वक्राकार चिनाई में प्रत्येक ईट को दीवार में स्थिति के अनुरूप गाढ़ना पड़ता है | जब एक ही आकार के अनेक निर्माण संपन्न करने हो तो शुद्ध माप की आरीय ईटो (Radial Bricks) को विशेष सांचो में ढालकर भट्टो में पका लिया जाता है | इससे चिनाई के जोड़ महीन तथा समान रखे जा सकते हैं और कार्य भी शीघ्रता से आगे बढ़ता है |
छोटे कार्यों के लिए अथवा जब आरीय ईट उपलब्ध ना हो तो चिनाई के समय ही डांट को तराशा जाता है | चिनाई की वक्रता की जांच के लिए टेंपलेट का प्रयोग किया जाता है |
Circular Brick work
Curved bricks for masonry, round windows, vents, windows, genes, data, minarets, etc. are masoned. In curved masonry, each brick has to be molded according to the situation in the wall. When several constructions of the same size have to be done, the Radial Bricks of pure size are cooked in a special furnace by cutting them into special furnaces. This allows masonry joints to be kept fine and even and work also progresses quickly.
The scolding is polished at the time of masonry only for small works or when sawed bricks are not available. Templates are used to check the curvature of masonry.
प्रबलित ईट चिनाई (Reinforced Brick Work)
सामान्य चिनाई केवल संपीडन बलों के वाहन के लिए ही उपयुक्त है | ईट चिनाई की दीवारों को पार्श्व स्थिरता प्रदान करने के लिए तथा तनन एवं कर्तन प्रतिबलों को कुछ सीमा तक वहन करने के लिए, इसमें मृदु इस्पात का प्रबलन दिया जाता है | यह प्रबलन छड़ो (Roads), पत्ती (Flats), मोटी जाली अथवा बर्फी जाली (Expanded Metal) के रूप में होता है | उपयुक्त व्यास की छड़ों को चिनाई के जोड़ों में रखकर इसमें सीमेंट मसाला 1:3 भर दिया जाता है | जोड़ों की मोटाई 3 cm से कम नहीं होनी चाहिए |
आधी ईट मोटी दीवारों के पार्श्व स्थिरता प्रदान करने के लिए इसके प्रत्येक चौथे रद्दे में इस्पात की पत्ती, सीमेंट मसाले में दबा दी जाती है | यह पत्ती 25 mm से 30 mm चौड़ी तथा 1.5 mm से 2.5 mm मोटी होती है | इसे हूंप आयरन (Hoop Iron) कहते हैं | चौड़ी दीवारों में दो या तीन पत्ती साथ -साथ रखी जाती है अथवा इसके स्थान पर बर्फी जाली प्रयोग की जाती है |
प्रबलन इस्पात को सीमेंट मसाले में अच्छी तरह दबाना आवश्यक है ताकि संक्षारण ना होने पाए | संक्षारण से सुरक्षित रखने के लिए प्रबलन इस्पात पर गर्म कोलतार का कोट भी किया जाता है | चिनाई में प्रबलन देने से दीवारों के का असम धसन भी कुछ सीमा तक नियंत्रित हो जाता है |
अधिक ऊंचे स्तंभों को पार्श्व सामर्थ प्रदान करने के लिए, इसमें इस्पात की छड़े खड़ी कर दी जाती है | ईटों के लिंटल में भी इस्पातीय छड़ो का प्रबलन दिया जाता है |
Reinforced Brick Work
General masonry is suitable only for bearing of compression forces. In order to provide lateral stability to the brick masonry walls and to carry the tensile and shearing stresses to some extent, it is reinforced with soft steel. It is in the form of Roads, Flats, Thick Lattice or Expanded Metal. Cement spices 1: 3 are filled with suitable diameter rods in masonry joints. The thickness of the joints should not be less than 3 cm.
In order to provide lateral stability to the half-brick thick walls, the steel leaf is placed into the cement spice in each of its fourth course . This leaf is 25 mm to 30 mm wide and 1.5 mm to 2.5 mm thick. This is called Hoop Iron. Two or three leaves are placed side-by-side in the wide walls or barfi lattice is used instead.
It is necessary to press the reinforcing steel well into the cement spice so that corrosion does not occur. Hot bitumen is also coated with reinforcing steel to protect it from corrosion. By reinforcing masonry, the Assam subsidence of the walls is also controlled to some extent.
To provide lateral strength to the higher pillars, steel rods are erected in it. Steel rods are also reinforced in the brick lintel.
मिश्रित चिनाई (Composite Masonry)
जब चिनाई में दो या अधिक प्रकार के निर्माण पदार्थों का प्रयोग किया जाता है, तो इसे मिश्रित चिनाई कहते है | मिश्रित चिनाई में, दीवार के बाहरी तथा भीतरी भागों (फलको ) पर भिन्न-भिन्न मैटीरियल अथवा चिनाई -खंड (Masonry Unit) प्रयोग किए जाते हैं |
भवन की सुंदरता बढ़ाने के लिए दीवारों की बाहरी फलकों पर उत्तम मैटीरियल लगाया जाता है और शेष मोटाई में कोई भी साधारण व सस्ता पदार्थ प्रयोग किया जाता है |
Composite Masonry
When two or more types of construction materials are used in masonry, it is called composite masonry. In composite masonry, different material or masonry unit is used on the outer and inner parts of the wall.
To increase the beauty of the building, best material is applied on the exterior walls of the walls and any ordinary and cheap material is used in the remaining thickness.
मिश्रित चिनाई के प्रकार (Types of Composite Masonry )
(1) ऐश्लर मुखी व रबल पृष्ठी चिनाई (Ashlar Facing and Rubble Backing )
(2) ऐश्लर मुखी व ईट पृष्ठी चिनाई (Ashlar Facing and Brick Backing)
(3)पत्थर मुखी व कंक्रीट पृष्ठी चिनाई (Stone Facing and Concrete Backing)
(4) टाइल मुखी व ईट पृष्ठी चिनाई (Tile Facing and Brick Backing)
Types of Composite Masonry
(1) Ashlar Facing and Rubble Backing
(2) Ashlar Facing and Brick Backing
(3) Stone Facing and Concrete Backing
(4) Tile Facing and Brick Backing
(1) ऐश्लर मुखी व रबल पृष्ठी चिनाई (Ashlar Facing and Rubble Backing )
ऐश्लर चिनाई पर्याप्त महंगी होती है अतः दीवार के बाहरी भाग में ऐश्लर चिनाई की जाती है और शेष मोटाई में रबल (ढोका ) चिनाई अपनाई जाती है | यह संयोजन जहां सस्ता पड़ता है, वहां भवन की बाहरी सुंदरता भी कायम रहती है |
दोनों चिनाइयो को बांधने के लिए उचित ऊर्ध्वाधर अंतराल पर धुर पत्थर लगाए जाते हैं और बांड पर अधिक ध्यान दिया जाता है |
(1) Ashlar Facing and Rubble Backing
Ashler masonry is expensive enough, so ashlar masonry is done on the exterior of the wall and ruble (dhoka) masonry is adopted in the remaining thickness. Where this combination is cheap, the exterior beauty of the building is also maintained.
To bind both masonry, through stones are placed at the appropriate vertical intervals and more attention is paid to the bond.
(2) ऐश्लर मुखी व ईट पृष्ठी चिनाई (Ashlar Facing and Brick Backing)
इस चिनाई में दीवार की बाहरी भाग पर ऐशलर चिनाई तथा भीतरी भाग पर ईंट की चिनाई की जाती है |
बाहरी पत्थर चिनाई तथा भीतरी ईट चिनाई के बंधन के लिए, खसके लगाए जाते हैं अथवा धातु के शिकंजे (cramp) प्रयोग किए जाते हैं | ऊर्ध्वाधर जोड़ की संतता भंग करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है |
यह चिनाई ऐशलर चिनाई से सस्ती पड़ती है | भीतर की ईट सतह पर प्लास्टर तथा पुताई करके उसे भी सुंदर बनाया जा सकता है |
(2) Ashlar Facing and Brick Backing
In this masonry, there is ash masonry on the outer part of the wall and brick masonry on the inner part.
For binding of outer stone masonry and inner brick masonry, pops are placed or metal screws are used. Special attention is paid to break the continuity of the vertical joint.
This masonry is cheaper than ash masonry. It can also be made beautiful by plastering and painting on the inner brick surface.
(3)पत्थर मुखी व कंक्रीट पृष्ठी चिनाई (Stone Facing and Concrete Backing)
इस चिनाई में दीवार के सामने के भाग में पत्थर की चिनाई की जाती है और पीछे की शेष भाग में सीमेंट कंक्रीट डाली जाती है | यह चिनाई सामने से पत्थर की प्राकृतिक सतह को दर्शाती है तथा भीतरी भाग कंक्रीट के कारण सपाट और सुंदर दिखता है |
कंक्रीट पिंड के बंधन के लिए पत्थर की चिनाई में खसके छोड़े जाते हैं | कंक्रीट डालने के लिए तख्ता बंदी लगाई जाती है |
(3) Stone Facing and Concrete Backing
In this masonry, stone masonry is done in the front part of the wall and cement concrete is poured in the remaining part of the back. This masonry shows the natural surface of the stone from the front and the inner part looks flat and beautiful due to the concrete.
The offsets are left in the stone masonry for bonding the concrete body. The form work is put in place for pouring concrete.
(4) टाइल मुखी व ईट पृष्ठी चिनाई (Tile Facing and Brick Backing)
इस चिनाई में, चिनाई या टाइलों का अस्तर दीवार की बाहरी सतह पर किया जाता है और शेष भाग ईंट की चिनाई में बनाया जाता है। टाइल्स का उपयोग करके, दीवार की सतह को साफ, सपाट और सुंदर, चमकदार प्राप्त किया जा सकता है। ये टाइलें ठोस और खोखली होती हैं। इस प्रकार की चिनाई सार्वजनिक शौचालयों, स्नान ग्रहों, प्रयोगशालाओं में की जाती है।
(4) Tile Facing and Brick Backing
In this masonry, masonry or lining of tiles is done on the outer surface of the wall and the remaining part is made in brick masonry. By using tiles, the surface of the wall can be obtained clean, flat and beautiful, shiny. These tiles are solid and hollow. This type of masonry is done in public toilets, bath planets, laboratories.
मिश्रित चिनाई के लाभ (Merits of Composite Masonry)
मिश्रित चिनाई अपनाने से जहां उत्तम पदार्थ लगाकर भवन की बाहरी सुंदरता बढ़ाई जा सकती है वहां भीतरी भाग में सस्ते मेटेरियल का भी उचित उपयोग हो जाता है | इस प्रकार दीवारों की निर्माण लागत में पर्याप्त कमी हो जाती है | इस चिनाई में उच्च कोटि के तथा निम्न कोटि के पदार्थों के गुणों तथा उपयोगिता का पूरा लाभ उठाया जा सकता है |
मिश्रित चिनाई ध्यानपूर्वक करनी चाहिए ताकि विभिन्न पदार्थों का बंधन कायम रहे |
Merits of Composite Masonry
By adopting mixed masonry, where the exterior beauty of the building can be increased by applying the best material, there is also proper use of cheap material in the interior. In this way, there is a substantial reduction in the cost of construction of the walls. In this masonry, the properties and utility of high-quality and low-grade materials can be fully exploited.
Mixed masonry should be done carefully so that the bonding of various materials is maintained.
खोखले ब्लॉकों की चिनाई (Hollow Bricks Masonry)
जब चिनाई में बक्से की भांति भीतर से खोखले खंड प्रयोग किए जाते हैं तो यह खोखले ब्लॉकों की चिनाई कहलाती है | खोखले ब्लॉक पूर्व ढालित (Pre-cast) होते हैं, और अधिकतर सीमेंट कंक्रीट या टेराकोटा के बने होते हैं | जिन स्थानों पर आसानी से इमारती पत्थर नहीं मिल पाता अथवा उत्तम ईटों का निर्माण नहीं किया जा सकता, खोखले सीमेंट कंक्रीट ब्लॉकों की चिनाई अपनाई जाती है | ऐसे क्षेत्रों में यह चिनाई पर्याप्त सस्ती पड़ती है | तीन चार मंजिल भवनों के लिए यह चिनाई उत्तम है |
Hollow Bricks Masonry
When hollow blocks are used from inside like boxes in masonry, it is called masonry of hollow blocks. Hollow blocks are pre-cast, and are mostly made of cement concrete or terracotta. In places where timber cannot be easily found or fine bricks cannot be constructed, masonry of hollow cement concrete blocks is adopted. In such areas this masonry is cheap enough. This masonry is perfect for three to four floor buildings.