Skip to main content

नीवो की किस्मे (Types of foundation), उथली नीव (Shallow Foundation) - (1)खसकेदार या फैलाव नीव (Spread Footing Foundation)(2) ग्रिलेज या जालदार नीव (Grillage Foundation)(3) संयुक्त फूटिंग नीव (Combined Footing Foundation)(4)संतत फुटिंग नीव (Continuous Footing Foundation)(5)पटरा या राफ्ट नीव (Raft or Mat Foundation )(6)पैडीदार या बैंच नीव (Stepped or Benched Foundation )(7) प्रास फुटिंग नीव (Cantilever Footing Foundation )(8)उल्टी -डाट नीव (Inverted -Arch Foundation), गहरी नींव (Deep Foundation) - (1)स्थूणा या पाइल नीव (Pile Foundation)(2)कूप नीव (Well Foundation)(3)कैसून नीव (Caisson Foundation)

नीवो की किस्मे (Types of foundation)

 संरचना के भार तथा मृदा की धारण क्षमता को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार की नींव विकसित की गई है, जिनका मुख्यता दो वर्गों के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है |




Types of foundation

 Keeping in view the weight of the structure and the holding capacity of the soil, various types of foundations have been developed, which are mainly studied under two categories.


(A) उथली नीव (Shallow Foundation)

जब नीव की गहराई इसकी चौड़ाई के बराबर या इससे कम हो, तो इसे उथली नीव कहते हैं | इस प्रकार की नींव में अधि रचना के भार को अवभूमि के बड़े क्षेत्रफल पर फैलाने के लिए दीवारों को कुर्सी तल के नीचे, दोनों ओर खसके निकालकर अधिक चौड़ा कर दिया जाता है |

 (1)खसकेदार या फैलाव नीव (Spread Footing Foundation)

(2) ग्रिलेज  या जालदार नीव (Grillage Foundation)

(3) संयुक्त फूटिंग नीव (Combined Footing Foundation)

(4)संतत फुटिंग नीव (Continuous Footing Foundation)

(5)पटरा या राफ्ट नीव (Raft or Mat Foundation )

(6)पैडीदार या बैंच नीव (Stepped or Benched Foundation )

(7) प्रास फुटिंग नीव (Cantilever Footing Foundation )

(8)उल्टी -डाट नीव (Inverted -Arch Foundation)




(A) Shallow Foundation

 When the depth of the foundation is equal to or less than its width, it is called shallow foundation.  In this type of foundation, the walls are widened by removing the poppy on both sides of the floor under the chair floor to spread the weight of the composition over a large area of ​​subsoil.

 (1) Spread Footing Foundation

 (2) Grillage Foundation

 (3) Combined Footing Foundation

 (4) Continuous Footing Foundation

 (5) Raft or Mat Foundation

 (6) Stepped or Benched Foundation

 (7) Cantilever Footing Foundation

 (8) Inverted -Arch Foundation



(B) गहरी नींव (Deep Foundation)

 जब नीव की गहराई इसकी चौड़ाई से अधिक होती है, तब यह गहरी नींव कहलाती है | जब भूमि तल के समीप वांछित धारण क्षमता वाली मृदा स्थित ना हो और नीव  पर भारी सकेंद्रित भार आ रहे हो, तो नीव को पर्याप्त गहराई तक ले जाया जाता है |

 गहरी नींव निम्न प्रकार की होती है

(1)स्थूणा या पाइल नीव (Pile Foundation)

(2)कूप नीव (Well Foundation)

(3)कैसून नीव (Caisson Foundation)


(B) Deep Foundation

 When the depth of the foundation is more than its width, then it is called deep foundation.  When the soil with desired holding capacity is not located near the ground floor and heavy stress loads are coming on the foundation, then the foundation is taken to sufficient depth.

 Deep foundation is as follows

 (1) Pile Foundation

 (2) Well Foundation

 (3) Caisson Foundation


(A) उथली नीव (Shallow Foundation)

 (1)खसकेदार या फैलाव नीव (Spread Footing Foundation)

 भवनों के लिए खसकेदार  या  फैलाव नीव का अधिक प्रयोग किया जाता है | यह नीव दीवार के दोनों तरफ खसको के रूप में बढ़ी रहती है | यह नीव तली पर अधिक चौड़ी हो जाती है, अतः अव मृदा के अधिक क्षेत्रफल पर संरचना का भार वितरित करती है |
 यह नीव विश्वसनीय सस्ती तथा शीघ्रता से निर्माण की जा सकती है | इसका अभिकल्पन सरल है | यह नीव तीन चार मंजिल के भवनों के लिए बड़ी आसानी से बनाई जा सकती है |


(A) Shallow Foundation


 (1) Spread Footing Foundation

 A spread foundation is more commonly used for buildings.  This foundation spread on both sides of the wall in the form of offsets.  This foundation becomes wider at the bottom, so distributes the load of the structure over a larger area of ​​soil.

 This foundation can be reliable, inexpensive and constructed quickly.  Its design is simple.  This foundation can be easily built for three four-floor buildings.


 खसके दार नीव दो प्रकार की होती है -

 There are two types of spread foundation -


 (a)दीवार की खसकेदार नीव (Wall Footings Foundation )



(b) स्तंभ की खसकेदार नीव (Coloumn Footings Foundation)





(2) ग्रिलेज  या जालदार नीव (Grillage Foundation)

 जब अत्यधिक सकेंद्रित भार आ रहा हो और नीव को भौम जल अथवा अन्य कारणों से अधिक गहराई पर ले  जाना उचित ना हो, तो ग्रलेज (जालदार )नीव अपनाई जाती है | यह नीव कम समय में तैयार हो जाती है | कमजोर मृदा के लिए यह नीव उपयुक्त है |

 यह नीव पायो (Pillers), स्तंभो (Columns), स्थाणुको (Stanchions) आदि के लिए निर्मित की जाती है | रेलवे स्टेशनों के यात्री -शैड तथा मिलो की कैचिया (Trusses) के स्तम्बो के नीचे अधिकतम ग्रेलेज नीव डाली जाती है |

(2) Grillage Foundation

 When excessive stress loads are coming up and it is not appropriate to move the foundation to a greater depth due to ground water or other reasons, a grilled foundation is adopted.  This foundation is ready in short time.  This foundation is suitable for weak soil.

 This foundation is made for pillers, columns, stanchions etc.  The maximum grailage foundation is put below the columns of the Trusses of the passenger-sheds and mills of railway stations.


 निर्माण मैटेरियल के अनुसार यह नीव दो प्रकार की होती है -
According to construction materials, this foundation is of two types -



~ काष्ठ की ग्रलेज नीव (Timber Grillage Foundation)

काष्ठ की ग्रलेज नीव में लकड़ी के स्लीपर अथवा उपयुक्त मोटे पटरे एक या दो परतो (Tiers) मे एक दूसरे के लंब रखकर, उसके ऊपर दीवार अथवा स्तंभ आधारित किया जाता है |


~ Timber Grillage Foundation

 In the grillage foundation of wood, wooden sleepers or suitably thick slabs are placed perpendicular to each other in one or two layers, based on a wall or column.


~ इस्पात की ग्रलेज नीव (Steel Grillage Foundation)

 बहुत अधिक भार के लिए इस्पात खंडों की ग्रिलेज नीव  बनाई जाती है | इसके लिए इस्पात के गर्डरों (R.S.Joists) का प्रयोग किया जाता है | उचित माप तथा संख्या में I - खंड एक या दो परतो (Tiers) मे, नीव का गड्ढा खोदकर उसमें टिका दिए जाते हैं | सबसे ऊपरी परत के ऊपर आधार प्लेट रखकर स्तम्ब, स्थाणुक, गेसेट प्लेट एवं एंग्लो की सहायता से स्थिर कर दिया जाता है |


~ Steel Grillage Foundation

 The grillage foundation of steel blocks is made for very high loads.  R.S.Joists are used for this.  In proper measurement and number of I-sections in one or two layers, the foundation of the foundation is dug and hinged.  The base plate above the topmost layer is stabilized with the help of the pillar, the stabilizer, the geset plate and the Anglo.


(3) संयुक्त फूटिंग नीव (Combined Footing Foundation)

 जब दो अथवा अधिक स्तंभों के लिए साझी नीव डाली जाती है, तो इसे संयुक्त फूटिंग नीव कहते हैं | ज़ब पास पास स्थित स्तम्बो की स्वतंत्र फुटिंग एक दूसरे से सटने लगती है, तब सभी स्तम्बो के लिए संयुक्त नीव बनाई जाती है |

 संयुक्त फुटिंग नीव प्लान में आयताकार अथवा समलंबकार होती है | संयुक्त नीव की स्थिरता के लिए यह आवश्यक है की सभी स्तंभो के भारो का गुरुत्व केंद्र तथा नीव का गुरुत्व केंद्र एक ही ऊर्ध्वाधर रेखा पर स्थित हो | इसके लिए अधिकतर समलंबाकार नीव उपयुक्त रहती है |


(3) Combined Footing Foundation

 When a common foundation is inserted for two or more columns, it is called a combined footing foundation.  When the independent footings of the nearby coloum start connecting with each other, then a joint foundation is made for all the columns.

 The combined footing foundation plan is rectangular or trapezoidal.  For the stability of the joint foundation, it is necessary that the weight center of all the columns of the column and the center of gravity of the foundation are located on the same vertical line.  For this, most trapezoidal foundation is suitable.



(4)संतत फुटिंग नीव (Continuous Footing Foundation)

 जब एकल सीध पर पड़ने वाले अनेक स्तंभों के लिए एकल में अपनाई जाए, तो इसे संतत फुटिंग नीव अथवा स्ट्रिप नीव (Strip Foundation) कहते हैं | इस नीव में सभी स्तंभों के नीचे प्रबलित सीमेंट कंक्रीट की धरन डाली जाती है |


(4) Continuous Footing Foundation

 When adopted a singles foundation for multiple columns falling on a straight line, it is called a Strip Foundation.  In this foundation, reinforced cement concrete beam under all the pillars.


(5)पटरा या राफ्ट नीव (Raft or Mat Foundation )

 इस नीव में निर्माण स्थल के पूरे क्षेत्रफल पर एक द्रढ़  पटरा बनाकर, उसके ऊपर संरचना की दीवारें व स्तंभ उठाए जाते हैं | जब नींव मृदा की धारण क्षमता बहुत कम हो अथवा भूमि दलदली या भराई वाली हो और संरचना का भार अधिक हो वहाँ पटरा नीव बनाई जाती है |

 राफ्ट नीव वास्तव में उल्टी टी बीम संरचना है, जिसमें दीवारों के नीचे प्रबलित सीमेंट कंक्रीट के प्रतिलोमित   टी - बीम (Inverted T -beam) डाले जाते हैं | साधारण टी - बीम मे छत पर भार ऊपर से नीचे कार्य करता है, जबकि राफ्ट या पटरा नीव में यह भार नीचे से ऊपर को मृदा की प्रतिक्रिया (Reaction) के रूप में कार्य करता है | 

 राफ्ट नीव का प्रयोग बहुततली भवनों, फैक्ट्रियों तथा शिरोपरि  टैंक की नीव के लिए किया जाता है |


(5) Raft or Mat Foundation

 In this foundation, the walls and pillars of the structure are raised on the whole area of ​​the construction site by making a strong slab on it.  When the foundation soil's holding capacity is very low or the land is marshy or stuffy and the load of the structure is high, a flat foundation is made there.

 Raft foundation is actually a reverse T beam structure, in which inverted T -beam of reinforced cement concrete is inserted under the walls.  In ordinary T-beams, the load on the roof acts from top to bottom, whereas in raft or Mat foundation, this load acts as a reaction of soil from bottom to top.

 Raft foundation is used for foundation of many buildings, factories and overhead tanks.


(6)पैडीदार या बैंच नीव (Stepped or Benched Foundation )

 अधिक ढालू भूमि में जब दीवार की नींव पूरी लंबाई में समान गहराई तक खोदनी व्यवहारिक या मितव्ययी ना हो, तो पौड़ीदार नीव बनाई जाती है | पर्वतीय क्षेत्रों की ढालों के लिए यह नीव उपयुक्त रहती है |

 यह नीव खसकेदार नीव की भांति होती है जो दीवार की लंबाई की दिशा में विभिन्न तलो पर रखी जाती है और देखने पर पैडीदार लगती है | इसने मे पैडी (steps) की ऊंचाई, नीव के कंक्रीट ब्लॉक की मोटाई से अधिक नहीं होनी चाहिए और प्रत्येक पौड़ी, नीचे वाली पौड़ी पर उपयुक्त चढ़ाव देकर बनानी चाहिए |


(6) Stepped or Benched Foundation

 In more sloping land, when the foundation of the wall is not practical or economical to dig to the same depth throughout the length, then a stepped foundation is made.  This foundation is suitable for hills slopes.

 This foundation is like a spread foundation, which is placed on different fronts in the direction of the length of the wall and looks stepped on seeing it.  It should not exceed the height of the steps in the pad, the thickness of the concrete block of the foundation and should be made by giving a suitable rise to each steps, the lower steps.


 (7) प्रास फुटिंग नीव (Cantilever Footing Foundation )

 जब भवन सीमा अथवा अन्य कारण से किसी बाहरी  स्तंभ की नीव ठीक इसके नीचे बनाने में दिक्कत आती हो, तो इनके नीचे प्रास धरन लगाकर, स्तम्ब का पूर्ण भार भीतरी स्तंभ या दीवार की नीव पर स्थानांतरित कर दिया जाता है | यदि भीतरी स्तंभ या दीवार का भार कम हो तो बाहरी स्तम्ब के भार को संतुलित करने के लिए, अलग से कंक्रीट ब्लॉक, भरवाही दीवार पर लगाया जाता है |


(7) Cantilever Footing Foundation

 When there is a problem in making the foundation of an outer pillar just below it due to building boundary or other reason, by placing the cantilever foundation at the bottom of it, the full weight of the pillar is transferred to the foundation of the inner column or wall.  If the weight of the inner column or wall is less, a separate concrete block is placed on the fill wall to balance the load on the outer column.


(8)उल्टी -डाट नीव (Inverted -Arch Foundation)


 यह नीव राफ्ट नीव की भांति पूरे क्षेत्र में डाली जाती है, किंतु दीवारों के नीचे, धरनों के स्थान पर उल्टी डांटे निर्मित की जाती है | जब संरचना का भार अत्यधिक हो और नीव को अधिक गहराई पर ले जाना उचित ना हो अथवा नीव की मृदा कम धारण क्षमता वाली व जलग्रस्त हो, तो उल्टी डांट नीव उपयुक्त रहती है |

 यह नीव पुलों व जलीय संरचनाओं के लिए, जहां नदी तल के कटने की संभावना हो, बनाई जाती है |



(8) Inverted -Arch Foundation


 This foundation is inserted in the entire area like a raft foundation, but under walls, in place of beams, Inverted -Arch is made.  When the weight of the structure is excessive and it is not advisable to take the foundation to a greater depth or if the soil of the foundation is of low bearing capacity and is waterlogged, then the Inverted -Arch foundation is suitable.

 This foundation is made for bridges and aquatic structures, where there is a possibility of river bed cutting.



 गहरी नींव (Deep Foundation)

Deep Foundation

 (1)स्थूणा या पाइल नीव (Pile Foundation)

 पाइल नीव एक महत्वपूर्ण नीव है | अत्यधिक भारी संरचनाओं और कमजोर मृदा के होने पर, जहां उथली नीव अनपयुक्त हो जाती है, पाइल नीव ही संतोषजनक सिद्ध होती है | बहुततली भवनों तथा भारी इंजीनियरी संरचनाओं के लिए पाइल नीव अब बड़े पैमाने पर प्रयोग की जाती है |

 पाइले लकड़ी, कंक्रीट या इस्पात के लंबे खूटे होते हैं, जो यांत्रिक हथौड़े से भूमि के अंदर गाड़ दिए जाते हैं | इन खूटो के ऊपर संरचना की दीवारें या स्तंभ खड़े किए जाते हैं | यह खूटे कमजोर तथा जल ग्रस्त भूमि की भार धारण क्षमता बढ़ाने अथवा नींव पर पड़ने वाले भारो को गहराई पर स्थित कठोर मृदा पर स्थानांतरित करने के लिए भूमि में उतारे जाते हैं |



 (1) Pile Foundation

 Pile foundation is an important foundation  In case of extremely heavy structures and weak soil, where the shallow foundation becomes unused, the pile foundation proves to be satisfactory.  Pile foundation is now used extensively for many buildings and heavy engineering structures.

 Piles are long pegs of wood, concrete or steel, which are buried underground with a mechanical hammer.  The walls or pillars of the structure are erected on top of these pillars.  These pegs are lowered in the land to increase the bearing capacity of the weakened and waterlogged land or to transfer the load on the foundation to the hard soil at the depth.


 पाइलों का वर्गीकरण (Classification of Piles)


कार्य के अनुसार पाइलों की किस्में

~ धारक पाइले (Bearing Piles)

~ चादरी  पाइल्स (Sheet Piles)

~ घर्षण पाइले (Friction or Floating Piles)

~ सहनन पाइले (Compaction Piles)

~ढालू या प्रवण पाइल (Batter Piles)

~ निर्देशक पाइल (Guide Pile)


Classification of Piles


 Varieties of pile according to work

 ~ Bearing Piles

 ~ Sheet Piles

 ~ Friction or Floating Piles

 ~ Compaction Piles

 ~ Batter Piles

 ~ Guide Pile


 मटेरियल के अनुसार पाइलों की किस्में

~काष्ठ पाइले (Timber Piles)

~ कंक्रीट पाइले (Concrete Piles)

~इस्पाती पाइले (Steel Piles)

~बालू पाइले (Sand Piles)

~संग्रन्थित पाइले (Composite Piles)

~ शीट या चादरी पाइल (Sheet Piles)


Varieties of piles according to material

 ~ Timber Piles

 ~ Concrete Piles

 ~ Steel Piles

 ~ Sand Piles

 ~ Composite Piles

 ~ Sheet Piles


 (2)कूप नीव (Well Foundation)


 इस नीव का निर्माण साधारण कुएँ की भांति किया जाता है | कूप नीव संरचना के भार को भूमि तल से नीचे स्थित कठोर अव मृदा पर स्थानांतरित करती है | यदि ऐसी कोई मृदा पर्याप्त गहराई पर भी उपलब्ध नहीं है तो संरचना का भार त्वक घर्षण (Skin Friction) के कारण, कुएँ के गोले के चारों ओर की अव मृदा पर फैल जाता है | घर्षण प्रतिरोध को बढ़ाने के लिए, कुए की बाहरी परिधि को असम (Rough) बनाया जाता है और व्यास को बड़ा किया जाता है |

 जल ग्रस्त बलुआ भूमि के लिए, जिस पर भारी संरचनाएं निर्माण करनी हो, कूप नीव उत्तम रहती है | जलीय संरचनाओं के लिए यह एक उत्तम नीव है |


(2) Well Foundation


 This foundation is constructed like an ordinary well.  The well foundation transfers the weight of the structure to the hard soil soils located below ground level.  If no such soil is available even at sufficient depth, then the weight of the structure is spread on the soil around the well, due to skin friction.  To increase the resistance to friction, the outer circumference of the well is made of rough and the diameter is enlarged.

 For waterlogged sandy land, on which heavy structures have to be built, well foundation is best.  It is a perfect foundation for aquatic structures.


(3)कैसून नीव (Caisson Foundation)

 गहरे पानी में जहां अस्थाई बांध (Coffer Dam) आदि बनाकर भी निर्माण स्थल से पानी निकालना संभव ना हो, कैसून नीव प्रयोग की जाती है |

 कैसून फ्रेंच शब्द है, जिसका अर्थ बॉक्स (Box) है | कैसून लकड़ी, इस्पात अथवा कंक्रीट के जलरोधी तथा अंदर से खोखले बक्से होती हैं | जिनको भूमि पर बनाकर तथा नावो से धकेल कर पानी के भीतर उचित स्थान पर खड़ा करके इसमें सीमेंट कंक्रीट भर दी जाती है | यह एक ठोस तथा भारी ब्लॉक के रूप में पानी की तली पर स्थिर हो जाता है, जिसके ऊपर संरचना की दीवारें तथा पाए खड़े किए जाते हैं |

 बॉक्स की ऊंचाई इतनी रखी जाती है कि इसका शीर्ष पानी में उतारने के बाद भी इससे ऊपर निकला रहता है |

 कैसून नीव का प्रयोग गहरी नदियों अथवा समुंद्र में जलीय संरचनाओं के निर्माण के लिए किया जाता है |

 कैसून के प्रकार

 कैसून तीन प्रकार के होते हैं -

~ खुला कैसून (Open Caisson)

~ बंद कैसून (Box Caisson)

~वातीय कैसून (Pneumatic caisson)


(3) Caisson Foundation

 In deep water where it is not possible to draw water from the construction site even by making temporary dam (Coffer Dam) etc., the caisson foundation is used.

 Cassoon is a French word, which means box.  Casinos are waterproof, wooden or concrete boxes and hollow boxes inside.  Cement concrete is filled in it by making it on land and pushing it with boats and standing in proper place under water.  It stabilizes on the bottom of the water in the form of a solid and heavy block, on top of which the walls and structures of the structure are erected.

 The height of the box is kept so that its top remains above it even after taking it off in water.

 Cassoon foundation is used for the construction of aquatic structures in deep rivers or oceans.


 Types of casinos

 There are three types of casinos -

 ~ Open Caisson

 ~ Box Caisson

 ~ Pneumatic caisson



Popular posts from this blog

भवनों के प्रकार (Types of Building) - (1) आवासीय भवन (Residential Buildings)(2) सार्वजनिक भवन (Public Buildings)(3) व्यवसायिक भवन (Commercial Buildings )(4) औद्योगिक भवन (Industrial Buildings)(5) धार्मिक तथा ऐतिहासिक भवन (Religious and Historical Buildings), उपयोग के आधार पर राष्ट्रीय भवन संहिता में भवनों को निम्न 9 वर्गों में रखा गया है -वर्ग A - आवासीय भवन (Residential)वर्ग B - शैक्षणिक भवन (Educational)वर्ग C - संस्थागत भवन (Institutional)वर्ग D - सभा भवन (Assembly)वर्ग E - व्यवसायिक भवन (Business)वर्ग F - वाणिज्यिक भवन (Mercantile)वर्ग G - औद्योगिक भवन (Industrial)वर्ग H - भंडार भवन (Storage)वर्ग J - जोखिम वाले भवन (Hazardous)

भवनों के प्रकार (Types of Building)  प्रयोग की दृष्टि से भवन निम्नलिखित प्रकार के होते हैं (1) आवासीय भवन (Residential Buildings) (2) सार्वजनिक भवन (Public Buildings) (3) व्यवसायिक भवन (Commercial Buildings ) (4) औद्योगिक भवन (Industrial Buildings) (5) धार्मिक तथा ऐतिहासिक भवन (Religious and Historical Buildings) Types of Building   From the point of view of building, the following types are  (1) Residential Buildings  (2) Public Buildings  (3) Commercial Buildings  (4) Industrial Buildings  (5) Religious and Historical Buildings (1) आवासीय भवन (Residential Buildings)  व्यक्ति अथवा परिवार के रहने के लिए जो मकान बनाए जाते हैं, यह आवासीय भवन कहते हैं | इनमें आवश्यक रूप से सोने के, बैठने के, स्नान करने, खाना बनाने तथा अन्य कार्यों के लिए अलग-अलग कमरे निर्मित किए जाते हैं | यह एकतली अथवा बहुतली होते हैं | इनमे वायु,  प्रकाश की उचित व्यवस्था की जाती है | इनमें पेयजल आपूर्ति तथा दूषित जल निकासी की व्यवस्था भी की जाती है | आवासीय भवनों क...

सर्वेक्षण के मूलभूत सिद्धांत(Basic principles of surveying)

सर्वेक्षण के मूलभूत सिद्धांत (basic principles of survey) कार्य की परिशुद्धता को दृष्टि में रखते हुए सर्वेक्षण के मूलभूत सिद्धांत निम्नलिखित हैं (Following are the basic principles of survey keeping in view the precision of work) 1. पूर्ण से अंश की ओर सर्वेक्षण कार्य बढ़ाना (Working from whole to the part) 2.नए बिंदुओं की स्थिति कम से कम दो संदर्भ बिंदुओं से निर्धारित करना (Locating new points from two Reference point) 1.Working from whole to the part  2.Determining the position of new points with at least two reference points (Locating new points from two reference point) 1.प्रथम सिद्धांत के अनुसार सर्वेक्षण कार्य पूर्ण से शुरू किया जाता है  |और इसे अंश की ओर बढ़ाया जाता है जिस क्षेत्र में सर्वेक्षण करना होता है, सर्वप्रथम उसमें पर्याप्त मुख्य नियंत्रण बिंदुओं का बड़ी सावधानी से चयन किया जाता है, और इन बिंदु की स्थिति की परिशुद्धता से जांच की जाती है,  अब इन बिंदुओं के द्वारा लघु बिंदु स्थापित किए जाती हैं जिनमें कम परिशुद विधि अपनाई जा सकती है |   ...

भवन की योजना (Planning of Buildings), भवन योजना के सिद्धांत (Principles of Building Planning)

भवन की योजना (Planning of Buildings)  भवन चाहे छोटा हो अथवा बड़ा आवासीय हो, सार्वजनिक हो अथवा औद्योगिक, इसकी पूर्ण योजना निर्माण से पहले बना लेना आवश्यक है | भवन की योजना बनाने से निम्न लाभ होते हैं - 1. आवश्यकता के अनुसार भवन के खंडों का विन्यास किया जा सकता है | 2. भवन की निर्माण लागत पर नियंत्रण रहता है | 3. भवन में अधिक सुविधाएं प्राप्त की जा सकती हैं | 4. संरचना में आवश्यक फेरबदल व तोड़फोड़ से बचा जा सकता है | 5. समय के अंदर भवन तैयार हो सकता है | सामग्री श्रमिक तथा समय का पूर्ण उपयोग होता है | Planning of Buildings  Whether the building is small or big residential, public or industrial, it is necessary to make its complete plan before construction. Building planning has the following benefits -  1. The building blocks can be configured as per the requirement.  2. Control over the construction cost of the building.  3. More facilities can be availed in the building.  4. Necessary alterations and sabotage in the structure can be avoided. ...