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ज़ीनो का वर्गीकरण (classification of Stairs), आकृति के अनुसार ज़ीने के प्रकार (classification of Stairs based on shape or layout) - 1. सीधा ज़ीन (Straight Flight stairs)2. समकोण मोड़ ज़ीन (Quarter turn stairs)3. प्रतिवर्ती या कुत्ता टांग ज़ीन (Dog -Legged stairs)4. खुला कूपक ज़ीन (Open -well Stairs)5. दि -शाखी ज़ीन (Bifurcated stairs)6. गोल जीना (Circular stairs)7. ज्यामितीय ज़ीन (Geometrical stairs)8. सर्पिल जीना (Spiral stairs)9. सीढ़ी (Ladder)

ज़ीनो का वर्गीकरण (classification of Stairs)


 आकृति के अनुसार ज़ीने के प्रकार (classification of Stairs based on shape or layout)


 जीने का आकार प्राया भवन के भीतर उपलब्ध स्थान तथा इसकी उपयोगिता को दृष्टि में रखकर निर्धारित किया जाता है | ज़ीने को सीधा रखने की चेष्टा करनी चाहिए, परंतु स्थान के अभाव में, इसे उचित घुमाव दिया जा सकता है | आकार के अनुसार ज़ीने निम्नलिखित प्रकार के होते हैं -

The size of stairs is determined by keeping in view the available space and its usefulness within building. The stair should try to keep it straight, but in the absence of space, it can be given a proper rotation. Depending on the shape, stair are of the following types -


1. सीधा ज़ीन (Straight Flight stair)

2. समकोण मोड़ ज़ीन (Quarter turn stair)

3. प्रतिवर्ती या कुत्ता टांग ज़ीन (Dog -Legged stair)

4. खुला कूपक ज़ीन (Open -well Stair)

5. दि -शाखी ज़ीन (Bifurcated stair)

6. गोल जीना  (Circular stair)

7. ज्यामितीय ज़ीन (Geometrical stair)

8. सर्पिल जीना (Spiral stair)

9. सीढ़ी (Ladder)


1. Straight Flight stair

 2. Quarter turn stair

 3. Reversible or dog-legged stair

 4. Open -well Stair

 5. Bifurcated stair

 6. Circular stair

 7. Geometrical stair

 8. Spiral stair

 9. Ladder


1. सीधा ज़ीन (Straight Flight stair)

 जब एक तल से दूसरे तल तक, बिना कोई मोड़ दिए, सीधी पंक्ति में सभी कदमचे स्थापित किए जाते हैं, तो इसे सीधा जीना कहते हैं | एकदम सीधा होने के कारण इस पर चढ़ने तथा उतरने वाले व्यक्ति एक दूसरे को दूर से देख लेते हैं, इस ज़ीने पर दुर्घटनाएं कम होती हैं | जब कदमचो की संख्या 12-16 से अधिक हो, तो यह जीना दो या अधिक पंक्तियों में बनाया जा सकता है, जिनके मध्य आधी चौकी लगानी चाहिए | चौकी पर कुछ क्षण  रूक कर दम लिया जा सकता है | यदि जीने के पार्श्व मे दीवारें नहीं है तो वहां पर रेलिंग लगानी चाहिए |

 जब अधिक लंबा परंतु चौड़ाई मे कम स्थान उपलब्ध हो तो सीधा जीना बनाया जाता है |


1. Straight Flight stairs

 When all the steps are installed in a straight line from one floor to another, without making any bend, it is called straight flight stair. Due to the straightness, the person climbing and landing sees each other from a distance, accidents are less on this stair. When the number of steps is more than 12-16, this stair can be made in two or more rows, between which quarter -space landing should be placed. The landing can be suppressed by stopping for a few moments. If there are no walls on the side of the stair, then the railing should be installed there.

 When longer but less space is available in breadth then straight flight stair is made.


2. समकोण मोड़ ज़ीन (Quarter turn stairs)

यह जीना दो पंक्तियों में बनाया जाता है, जो एक दूसरेेेेेेेेेे से समकोण पर आकर मिलती हैं  | दोनों पंक्तियों के संगम पर आधी चौकी दी जाती है | स्थान के अभाव में, चौकी के स्थान पर तीन घुमावदार कदमचे (winders) भी लगाए जा सकते हैं |
 जहां जीने के लिए स्थान कम है और इसे कमरे की दीवार से सटाकर बनाना हो वहां यह जीना उपयुक्त है | यह जीने सार्वजनिक भवनों के प्रवेश हाल में स्थापित किए जाते हैं |


2. Quarter turn stairs

 This stair is made in two lines, which come at right angles to each other. Half landing is given at the confluence of both the lines. In the absence of space, three curved winders can also be placed in place of the landing.

 It is suitable where there is less space for stair and to make it close to the wall of the room. These stairs are installed in entrance hall of public buildings.


3. प्रतिवर्ती या कुत्ता टांग ज़ीन (Dog -Legged stair)

 यह ज़ीन दो समानांतर पंक्तियों में बनाया जाता है, जो एक दूसरे के विपरीत परंतु आपस में सटी हुई ( अथवा आस-पास स्थित ) होती हैं | लंबाई की दिशा से देखने पर इस जीने का क्रॉस सेक्शन कुत्ते की टांग की भांति बनता है | अतः यह जीना इसी नाम से जाना जाता है |

 इस जीने में दोनों पंक्तियां एक दूसरे से सटी रहती हैं, अतः सोपान कक्ष की चौड़ाई, ज़ीने की चौड़ाई के लगभग दोगुनी के बराबर होती है |

 दोनों पंक्तियों के संगम पर जो 180° का मोड़ स्थल उपलब्ध रहता है, उसमें निम्नलिखित में से कोई एक व्यवस्था की जाती है -

~ एक पूरी चौकी, जो दोनों पंक्तियों की चौड़ाई के योग के बराबर होती है |

~ एक आधी चौकी तथा दूसरी आधी चौकी में घुमावदार कदमचो की श्रंखला |

~ पूरी चौकी में घुमावदार कदमचे |

 सहूलियत की दृष्टि से दोनों पंक्तियों की संगम चौकी में घुमावदार कदम नहीं लगानी चाहिए |

 डॉग लेजिड स्टेयर बहुतली भवनों में अधिक निर्मित किए जाते हैं क्योंकि यह कम स्थान घेरते हैं और ऊपरी मंजिल की सीढ़ियां एक दूसरे के ऊपर संपाती होती हैं | इसे लहरियादार जीना भी कहते हैं |


3. Reversible or dog-legged stairs

 This stair is made in two parallel rows, which are opposite to each other but are adjacent (or located nearby). The cross section of this stair is like a dog's leg when viewed from the direction of length. Therefore, this stair is known by this name.

 In this stair, the two lines are adjacent to each other, so the width of the step room is about twice the width of the stair.

 At the confluence of both the lines, the turning point of 180° is available, in which one of the following arrangements is made -

 ~ A full landing, which is equal to the sum of the widths of both rows.

 ~ A series of curved steps in one half landing and the other half landing.

 ~ Curved steps throughout the landing.

 From the point of view, there should not be a curved step in the confluence post of both the rows.

 Dog legged stairs are built more in many buildings as they occupy less space and the upper storey staircases are stacked on top of each other. It is also called undulating stairs.


4. खुला कूपक ज़ीन (Open -well Staircase)

यह एक खुला प्रतिवर्ती ज़ीन होता है परन्तु दोनों विपरीत पंक्तियो के मध्य पर्याप्त खाली स्थान छोड़ा जाता है |ऊपर से देखने पर यह खाली स्थान एक सूखे गहरे कुएँ की भांति दिखता है, जिसके चारो ओर श्रृंखला बंद कदमचे चक्कर लगाते नज़र पड़ते है |कुएँ की तरफ, सोपान की फ्लाइट के साथ -साथ कम ऊंचाई के उपस्तम्ब लगाकर, सीढ़ी का जंगला लगाया जाता है, ताकि कुएँ मे गिरने का भय न रहे |

कुएँ मे ऊपर डाली गयी छत से उचित प्रकाश की व्यवस्था की जाती है, जिससे ज़ीने के कदमचो पर सीधी रोशनी पड़ती रहे |खुले कुएँ का प्रयोग लिफ्ट लगाने के लिए भी किया जाता है |

सोपान कक्ष की चौड़ाई दोनों पंक्तियों की चौड़ाई और कुएँ की चौडाई का योगफल होती है | दोनों पंक्तियो के संगम पर एक पूरी चौकी (Half space Landing)अथवा दो आधी चौकिया तथा कुएँ की चौड़ाई के सामने, कुछ कदमचो की व्यवस्था की जाती है |यह ज़ीन सार्वजानिक भवनों के लिए उत्तम रहता है |


4. Open -well Staircase

 It is an open reversible stair, but there is enough free space left between the two opposite rows. When viewed from above, this empty space looks like a dry deep well, which is seen circling around it in series of closed steps. On the side, along the flight of the stair, along with the low altitude substandard, the stair grille is placed, so that there is no fear of falling in the well.

 Proper lighting is provided from the roof above the well, so that the direct light are kept on the steps of the stair. Open wells are also used for putting elevators.

 The width of the step room is the sum of the width of the two rows and the width of the well. At the confluence of both the lines, an entire space or two half-landing and a few steps are arranged in front of the width of the well. This stair is perfect for public buildings.


5. दि -शाखी ज़ीन (Bifurcated staircase)

यह ज़ीन आरम्भ मे एकल पंक्ति का होता है, परन्तु कुछ ऊंचाई पर जाकर एक सांझी चौकी से दो विपरीत दिशाओ की पंक्तियो मे विभाजित हो जाता है, अर्थात सांझी चौकी पर तीन पंक्तिया विभिन्न दिशाओ से आकर मिलती है |

ज़ब अलग -अलग ब्लॉक के लिए एक ही ज़ीन बनाना हो, तो उनके सयुक्त प्रवेश हाल मे दिशाखी ज़ीना उत्तम रहता है |मुख्य पंक्ति की चौड़ाई अधिक रखी जाती है और शाखा पंक्तियो की कम कर दीं जाती है, क्योकि ऊपर जाकर यातायात अलग -अलग दिशाओ मे बट जाता है |

भवन के ब्लाको की स्थिति के अनुसार, दिशाखी ज़ीन दो प्रकार का होता है |ज़ब शाखा -पंक्तिया मुख्य पंक्ति से 90° पर अलग होती है तो आधी चौकी दी जाती है |ज़ब शाखा -पंक्तिया मुख्य पंक्ति से 180°का मोड़ लेती है, तो पूरी चौकी लगाई जाती है, परन्तु तीनो फ्लाइटो की चौकी सांझी होती है |

सार्वजानिक भवनों मे इस प्रकार का ज़ीन, भव्यता की दृष्टि से भी लगाया जाता है |


5. Bifurcated staircase

 This stair initially consists of a single row, but at some height, it is divided into two opposite lines from a common landing, that is, three rows at the common landing come from different directions.

 When the same stair is to be made for different blocks, then the  Bifurcated stair  is best in their combined entrance hall. The width of the main line is kept higher and the branch lines are reduced, Because the traffic goes up and goes in different directions.

 According to the position of the building blocks, the direction stair is of two types. When the branch-line is separated from the main line at 90 °, then half-landing is given. When the branch-line takes a turn of 180 ° from the main line, So the whole landing is put up, but the three flight landing are shared.

 This kind of stairs is also used in public buildings in terms of grandeur.


6. गोल जीना (Circular staircase)

इस ज़ीने के सभी कदमचे घुमावदार (winders)होते है, जिनकी तिरछी नसीकाये एक ही उदग्र रेखा से केंद्रित होती है |प्रत्येक तल पर चौकी दी जाती है और उसके पार्श्व में प्रवेश द्वार रखा जाता है | जीने के भीतरी ओर गोल जंगला लगाया जाता है | गोल जंगले के मध्य में जो स्थान रहता है उसे खुला कुआँ (Open well)कहते हैं | इस कूप में लिफ्ट लगाने की सुविधा होती है |

 यह जीना गोल प्रवेश हाल, जिनके ऊपर गुंबदनुमा छत बनी रहती है, के लिए अधिक उपयुक्त है |


6. Circular staircase

 All the steps of this stair are winders, whose oblique nosing are centered on the same vertical line. Landing are placed on each floor and entrance is placed on its side. A round grille is placed on the inner side of the stair. The place in the middle of round grille is called Open well. This well has the facility to lift.

 This stair is more suitable for the round entrance hall, on which the dome roof rests.


7. ज्यामितीय ज़ीन (Geometrical staircase)

 यह ज़ीना वास्तुकला तथा भव्यता अधिक दर्शाता है, इसलिए उत्तम श्रेणी के भवनों के प्रवेश हाल में बनाए जाते हैं | इसी ज़ीने में सभी कदमचे घुमावदार (winders)होते हैं जो एक निश्चित व्यास पर आधारित ना होकर, वक्राकार होते हैं | इनको बनाने में ज्यामिति का कोई भी मानक वक्र अपनाया जा सकता है |

 इस जीने का निर्माण कठिन पड़ता है क्योंकि वक्रो को वास्तविक रूप में स्थापित करना कठिन होता है |

 इस ज़ीने में 12-16 कदमचो के अंतराल पर एक उपयुक्त चौकी देनी चाहिए | ज़ीने की चौड़ाई 1.75 मीटर से कम नहीं रखनी चाहिए |


7. Geometrical staircase

 This stair signifies more of the architecture and grandeur, hence the entry halls of the best class buildings this stairs is made. In this stair, all the steps are winders which are curved, rather than based on a fixed diameter. In making these, any standard curve of geometry can be adopted.

 Creating this stair is difficult because it is difficult to establish the curves in real terms.

 In this stair, a suitable landing should be given at an interval of 12-16 steps. The width of the stair should not be less than 1.75 meters.



8. सर्पिल जीना (Spiral stair)

 इस जीने में सभी कदमचे पतंगी (Kite) शक्ल के घुमावदार होते हैं, जो एक केंद्रीय शाफ़्ट (Shaft of Newal post)से जुड़े रहते हैं | केंद्रीय शाफ्ट लोहे अथवा प्रबलित सीमेंट कंक्रीट की होती है | घुमावदार कदमचे लोहे अथवा पूर्व ढ़ालित प्रबलित कंक्रीट के होते हैं | इसमे राइस तथा ट्रेड एक साथ डाले जाते हैं, जो केंद्रीय शाफ्ट से कस दिए जाते हैं | सभी सीढ़ीयो के बाहरी सिरों पर उपयुक्त ऊंचे दंड लगाकर रेलिंग लगा दी जाती है | कदमचो की ऊपरी सतह खाचेदार अथवा कुछ खुरदरी होती है ताकि फिसलन ना हो |

 यह जीना अधिकतर सार्वजनिक भवनों के पिछवाड़े में आपातकालीन निकास के लिए लगाया जाता है | यह जीना साधारण जीने तथा लिफ्ट के अतिरिक्त लगाया जाता है | कंट्रोल टावरो तथा बहुतली मिलो में इसका उपयोग अधिक किया जाता है क्योंकि यह ज़ीन सीधा ऊपर जाता है |


8. Spiral stairs

 In this stair, all steps are curved in the shape of a kite, which is connected to a central shaft. The central shaft is of iron or reinforced cement concrete. Curved steps are of iron or precast reinforced concrete. In this, rise and tread are inserted together, which are tightened by the central shaft. The railings are placed on the outer ends of all staircases with appropriate high penalties. The top surface of the steps is sloped or rough to avoid slippage.

 This stair is mostly used for emergency evacuation in the backyard of public buildings. This stair is employed in addition to the ordinary stair and lift. It is used more in control towers and poly mills because this stair goes straight up.


9. सीढ़ी (Ladder)

 दो समानांतर लम्बे दंडो के मध्य, उपयुक्त अंतराल पर आडे दंड (या पग) लगाकर सीढ़ी बनाई जाती है | यह लकड़ी, इस्पात, एलुमिनियम आदि की बनाई जाती है | यह स्थाई रूप से लगा दी जाती है अथवा आवश्यकतानुसार हटायी जा सकती है | यह 40 से 60 सेंटीमीटर चौड़ी होती है | और ढाल 70° से 75°रखी जाती है |


9. Ladder

 A ladder is made between two parallel lengths of punches, at appropriate intervals, by placing a barrage (or step). It is made of wood, steel, aluminum etc. It is permanently installed or can be removed as needed. It is 40 to 60 centimeters wide. And the gradient is kept from 70° to 75°.

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